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अनुभूति में रणवीर सिंह अनुपम की रचनाएँ-

अंजुमन में-
कई दिल की उलझन
जिंदगी में इस तरह
पड़ोसी की लड़की
मेरे दिल की धड़कन
 

 

पड़ोसी की लड़की

कभी ताकती वो, पड़ोसी की लड़की,
नज़र भाँपती वो, पड़ोसी की लड़की॥

कभी आगे बढ़ना, ठहरना किसी का,
कदम नापती वो, पड़ोसी के लड़की॥

वो छज्जे पे बिखरे, हुये बाल लेकर,
कभी झाँकती-सी, पड़ोसी के लड़की॥

कड़क ठंड में रोज़, मंदिर को जाना,
बदन काँपती वो, पड़ोसी के लड़की॥

शरारत पवन की, दुपट्टे का उड़ना,
जुवन झाँपती वो, पड़ोसी के लड़की॥

वो कंगन, वो बाली, वो छमछम निराली,
गज़ब नाचती वो, पड़ोसी के लड़की॥

१३ जून २०११

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