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अनुभूति में बद्रीनारायण की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
कौन रोक सकता है
दिल्ली जाना है
पहाड़ की चढ़ाई
माँ का गीत
राष्ट्रीय कवि

 

माँ का गीत

अगर तू सूर्य होता
तो दिन भर आसमान में जलता रहता
अगर तू चाँद होता
तो पूर्णिमा से एकम तक
तुझे रोज-रोज कसाई के कत्ते से
कटना पड़ता
अगर तू तारा होता मेरे लाल
तो मुझसे कितना दूर होता
अच्छा हुआ
तू बद्रीनारायण हुआ।

२९ जुलाई २०१३

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