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अनुभूति में नित्यानंद गायेन की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
अलग है हमारी मुसकानों की छवि
इन्हें मालूम है तस्वीरें बोला नहीं करतीं
तुम्हारे हक में

संवेदनशील लोगों ने
हरा सपना

`

इन्हें मालूम है तस्वीरें बोला नहीं करतीं

बापू ..
राज घाट पर
आज उन्होंने तुम्हें
पुष्पांजलि दी

बड़ी देर बाद
उन्हें तुम याद आये

जब भी हुआ
खतरा कुर्सी पर
लगा कर तुम्हरी तस्वीर
सभाएँ की उन सभी ने
सत्ता के लिए
गांधीवादी घोषित किया
खुद को

तुम्हारी एक तस्वीर
इन सभी ने
लगा रखी है
अपने -अपने कार्यालयों में
वहीं बैठ कर
सरेआम इन्होंने
चोरियाँ कीं

इन्हें मालूम है
तस्वीरें बोला नहीं करतीं

१४ जनवरी २०१३

 

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