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अनुभूति में प्रिया सैनी की रचनाएँ-
कविताओं में-
अहं की मीनार से
कुछ भीगा भीगा
जाओ तुम्हें आज़ाद किया
जाने क्यों चुप हूँ
तीन छोटी कविताएँ
तेरे प्रेम का चंदन
मेरा गुलमोहर उदास है
मैं पिघलता लावा नहीं
शाम से ढली हुई

तेरे प्रेम का चंदन

तेरे प्रेम का चंदन
माँग भरूँ
आलिंगन का वस्त्र
तन करूँ
चुंबन आभूषण
अधर धरूँ
विश्वास कंगन
कलाई भरूँ
स्वप्न-रथ पर
घर से चलूँ
चरणों पर रख प्राण
सुहागन बनूँ!

१६ फरवरी २००६

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