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अनुभूति में संजीव बख़्शी की रचनाएँ-

कविताओं में-
चमकीली आँखों वाली मछली
यह देखिए यह देखिए
लक्खा लक्खा

 

यह देखिए यह देखिए

यह देखिए
हाथ पैर न चलाइए
कपड़े साफ़

यह देखिए
मिनटों में
पूरे घर की सफ़ाई

यह देखिए
यह बोलता है
यह सुनता है

यह देखिए
बस स्विच आन करिए
पूरा खाना तैयार
यह इलेक्ट्रानिक उपकरण
यह इम्पोर्टेड

यह सब
यह सब

बताते बताते गुलाबी हुआ जाता
उनका चेहरा
बताते बताते सफ़ेद हो जाता है

यह देखिए
मेरा जिगर, मेरा गुर्दा

9 अक्तूबर 2007

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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