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अनुभूति में सिद्धेश्वर सिंह  की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
टोपियाँ
नाम
बेटी
समय राग

संकलन में-
अमलतास- अमलतास
नववर्ष अभिनंदन- नया साल तीन अभिव्यक्तियाँ
फागुन के रंग- कहाँ है वसंत
वर्षा मंगल- हथिया नक्षत्र
 

 

नाम

गर्मियाँ शुरु हो गई है
अब सहा नहीं जाता घाम
उड़ने लगी है धूल।

जब भी देखता हूँ
किसी पेड़ के तले
सुस्ताती हुई छाँव को
सहसा याद आ जाता है तुम्हारा नाम।

२५ अप्रैल २०११

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