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अनुभूति में विनीता तिवारी की रचनाएँ—

गीतों में-
दिल की पतंग
नई कहानी
प्यार किया है
रो पड़ता हूँ
लम्हों का सफर
 

 

लमहों का संसार

कितना दुख झेलेंगे हम तुम
कितना रोएँगे अब यार
लमहों को जी लो लमहों में
लमहों का है सब संसार

दुनिया ने रोड़े अटकाए
पैदा की अनगिन बाधाएँ
फिर भी हम उनके घर आए
वो न आए, पर इस बार

कुछ अच्छी यादों से हिलडुल
उठ बैठे पाने को मंज़िल
जुग बीते चलते-चलते पर
वहीं समय था, वही संसार

किस-किस से फ़रियाद करें हम
किस-किस से बाँटे अपने गम
खुद ही खुद को ढूँढ रहें हैं
मथुरा, काशी और हरिद्वार

दुनिया एक तबेला यारों
चाहे जीतो, चाहे हारो
क्यों न दिल के पंख पसारो
ओर निकल जाओ उस पार

लमहों को जी लो लमहों में
लमहों का है सब संसार

१ जुलाई २०२२

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