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अनुभूति में विनोद तिवारी की रचनाएँ—

गीतों में-
जीवन दीप
दुर्गा वंदना
प्यार का नाता
प्रवासी गीत
यादगारों के साये

संकलन में-
सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ- प्यार का नाता हमारा

 

जीवन दीप

मेरा एक दीप जलता है।
अंधियारों में प्रखर प्रज्ज्वलित,
तूफानों में अचल, अविचलित,
यह दीपक अविजित, अपराजित।
मेरे मन का ज्योतिपुंज
जो जग को ज्योतिर्मय करता है।
मेरा एक दीप जलता है।

सूर्य किरण जल की बूँदों से
छन कर इन्द्रधनुष बन जाती,
वही किरण धरती पर कितने
रंग बिरंगे फूल खिलाती।
ये कितनी विभिन्न घटनायें,
पर दोनों में निहित प्रकृति का
नियम एक है, जो अटूट है।
इस पर अडिग आस्था मुझको
जो विज्ञान मुझे जीवन में
पग पग पर प्रेरित करता है।
मेरा एक दीप जलता है।

यह विशाल ब्रह्मांड यहाँ मैं लघु हूँ
लेकिन हीन नहीं हूँ, मैं पदार्थ हूँ,
ऊर्जा का भौतिकी-करण हूँ।
नश्वर हूँ, पर क्षीण नहीं हूँ।
मैं हूँ अपना अहम‌, शक्ति का
अमिट स्रोत, जो न्यूटन के
सिद्धान्त सरीखा परम सत्य है,
सुन्दर है, शिव है शाश्वत है।
मेरा यह विश्वास निरन्तर
मेरे मानस में पलता है।
मेरा एक दीप जलता है।

१ अक्तूबर २०१२

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