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अनुभूति में भारत भूषण की रचनाएँ-

गीतों में-
अब खोजनी है
आज पहली बात
चक्की पर गेहूँ
जिस दिन बिछड़ गया
जिस पल तेरी याद सताए
जैसे पूजा में आँख भरे
तू मन अनमना न कर
बनफूल
मनवंशी
मेरी नींद चुराने वाले
मेरे मन-मिरगा
ये असंगति जिंदगी के द्वार
ये उर सागर के सीप
राम की जल समाधि
लो एक बजा

सौ सौ जनम प्रतीक्षा
हर ओर कलियुग


 

 

 आज पहली बात

चाँदनी ओढ़े धरा
सोई हुई है
श्याम अलकों में किरण खोई हुई है
प्यार से भीगा प्रकृति का गात साथी
आज पहली बात पहली
रात साथी

मौन सर में कंज की
आँखें मुंदी हैं
गोद में प्रिय भृंग हैं बाहें बँधी हैं
दूर है सूरज, सुदूर प्रभात साथी
आज पहली बात पहली
रात साथी

आज तुम भी लाज के
बंधन मिटाओ
खुद किसी के हो चलो अपना बनाओ
है यही जीवन, नहीं अपघात साथी
आज पहली बात पहली
रात साथी

१९ दिसंबर २०११

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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