| आई नदी आई नदी गाँव में अब की डटी रही 
                  पखवारे भरदुनिया भर से अपनी बस्ती कटी रही पखवारे भर
 घड़ी-पहर भी झड़ी न टूटी, लगी 
                  रही पखवारे भरसूरज के संग धूप भी जैसे भगी रही पखवारे भर
 तीज पर्व में मजा न आया आग लगी 
                  गुडधानी मेंपुरखों की जो रहा निशानी बैठ गया घर पानी में
 इतना पानी चढ़ा कि उलटी बही 
                  गाँव में धारा भीपकड़ी गई सरीहन चोरी, पकड़ा गया छिनारा भी
 मरे पचासों, बहे सैंकड़ों कम हो 
                  गए मवेशी कितनेस्टीमर से बाढ़ देखने आए-गए विदेशी कितने
 चीफ़ मिनिस्टर ऊपर-ऊपर बाढ़ 
                  देखकर चले गएबाढ़ पीड़ितों में काग़ज़ की नाव फेंककर चले गए
 गई नाव में माचिस लेने लौटी 
                  नहीं दुलारी घरगाँव बहुत गुस्सा है तब से बाढ़ शिविर अधिकारी पर
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