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अनुभूति में नितिन जैन की रचनाएँ-


अंजुमन में-
अच्छी खबर कोई
गीत पतझड़ हुए

दूरियाँ कम हुईं
न चिट्ठी न पाती
रास्ते मुश्किल बहुत

गीतों में-
अखंड है भारत देश
अश्रुओं के वेग से
एक आशा की किरण
छँट गए बादल
नेह के दीपक जलाएँ

`

नेह के दीपक जलाएँ

भूलकर सारे अहं
आ, नेह के दीपक जलाएँ

सौंधी मिट्टी का दिया ले
गाँव से
आई है पाती
बाँचना तुम धीरे -धीरे
प्रेम से
भीगी है बाती

याद की चिंगारियों से
रिश्ते सारे जगमगाएँ

एक पल थमते नहीं
बस
भागते आठों पहर
यातना की बेड़ियों से
लग रहे
अपने शहर

तोड़कर जंजीर सारी
अपने घर को लौट आएँ

११ फरवरी २०१३

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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