अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में चंदन सेन की रचनाएँ —
अभिव्यक्ति
आज़ादी का जश्न
कैसा हो सावन

 

अभिव्यक्ति

सर्द मौसम में जहाँ
कुछ पेड़ गए है मुरझा
वहीं तन मन में हैं
नई स्फूर्ती नई उर्जा
मन में है एक नया गीत
कुछ अभिव्यक्ति सृजन, प्रीत
कुछ लिखने को कुछ कहने को
सुनने को, चुनने को,
और भावनाओं में बहने को
कहीं उभरा एक नया अहसास
सजाए आशा और विश्वास
है सुरमई अँखियों में प्यार
लिए प्रकृति का माधुर्य अपार
मन में जन्म लेते हैं कुछ सुन्दर विचार
नया साल, ठण्डी हवाओं के झोंके
ऐसे में कैसे कोई
मन की लगाम को रोके
दिन महीने साल गए
आगन्तुक बना नव वर्ष
प्रेषित किया उल्लास और हर्ष
ये कैसा ख्यालों का चर्मोत्कर्ष
पता नहीं इस बार
मिलेंगे चाँद तारे
या यूं ही रह जाएँगे
बैसाखियों के सहारे
शायद चंद लकीरें हैं
उज्ज्वल नई जिज्ञासा–अभिलाषा
फिर से चलों देखें
लगा के सारी शक्ति
क्या इसी वर्ष होगी
हमारे मन की सच्ची अभिव्यक्ति?

२४ दिसंबर २००४

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter