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अनुभूति में राजेश कुमार वर्मा की रचनाएँ—

छंदमुक्त में-
कुछ तुम चलो कुछ हम चलें
ये दिल माँगे दोस्ती और प्यार
 

 

ये दिल माँगे दोस्ती और प्यार

ये दिल माँगे दोस्ती और प्यार
नहीं चाहिए नफ़रत की दीवार
खून तो खून ही है
मेरा हो या तुम्हारा हो यार
दर्द तो ही है
चाहे तुम हो या मैं हूँ यार
जब सरहद पर जवान शहीद होता है
दर्द तो होता ही है
चाहे तेरा हो या हमारा हो यार
दोनों ही सूरतों में
सुहाग तो बहन का ही उजाड़ता है
चाहे तेरी बहन हो
या मेरी बहन हो यार
हर सूरत में घर तो सूना होता ही है
चाहे तेरा घर हो
या मेरा घर हो यार
एक माँ के लिए उसका बेटा ही है
भारत और पाकिस्तान
भारत हो या हो पाकिस्तान
माँ तो दोनों की अच्छी है यार
क्योंकि ये दिल माँगे
दोस्ती और प्यार
नहीं चाहिए नफ़रत की दीवार

९ मई २००६

 

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