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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 

देश हमारा पालक

आज देश की टेर लगी ...
क्यों तूने सुधि बिसराई है?
देश हमारा पालक है
किसको सुध इसकी आयी है

सिर पर हिम का ताज सजा
सागर भी पाँव पखारे है
गंगा जमुना पावन जल
कावेरी भी इतरायी है

देश हमारा पालक है
किसको सुध इसकी आयी है

देख तिरंगा मन झूमे
माटी को झुककर चूमे
इस झण्डे का सार बचे
अब आन की यही लड़ाई है

देश हमारा पालक है
किसको सुध इसकी आयी है

- बृजेश नीरज
१२ अगस्त २०१३


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