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  आशीष भटनागर

आशीष भटनागर एक युवा वैज्ञानिक हैं जो सूक्ष्म जैविकी के क्षेत्र में अध्ययन अध्यापन कर रहे हैं। कविता के संस्कार इन्हें विरासत में मिले हैं। बचपन से ही चित्रकला और लेखन में रूचि रही है। अनुभूति के सूक्ष्म अनुभवों को कविता में पिरोने में आशीष कितने सफल हैं यह इनकी इन रचनाओं से ही पता चल सकेगा। 

सम्प्रति : आशीष महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय अजमेर में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

 

अनुभूति में आशीष भटनागर की 
रचनाएँ — 

साँस 
प्यार
प्रिय मन
डोरेस्वामी की वीणा सुनते ही
उत्तरकाशी १९९१

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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