अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

धनपत राय झा

जन्म- १९ अगस्त, १९३७
अभिरूचि- काव्य स्रजन, अध्ययन, अध्यापन, समाज सेवा, शोध, प्रवचन

प्रकाशित कृतियाँ-
सत्य करे शृंगार' खण्डकाव्य, इसके अतिरिक्त विभिन्न पत्र–पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित एवं आकाशवाणी, बाँसवाड़ा एवं उदयपुर से रचनाएँ प्रसारित।

पुरस्कार व सम्मान-
शिक्षा के क्षेत्र में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित, ग्रंथ प्रकाशन में साहित्य अकादमी द्वारा सहयोग

संप्रति-
३१ अगस्त १९९५ को सेवा निवृत्त होने के बाद रुचियों को पूरा करने में संलग्न।

 

अनुभूति में धनपत राय झा की रचनाएँ—

छंदमुक्त में-
डगर

गीतों में-
पापी पेट

 

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter