अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

डॉ. दिनेश चमोला शैलेश

जन्म : १४ जनवरी १९६४ को कौशलपुर, जिला रूद्रप्रयाग, उत्तरांचल में।

शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी), प्रभाकर तथा एम.ए.(हिन्दी) पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से स्वर्ण पदक के साथ ' हिंदी के साठोत्तरी खण्डकाव्यों में नायक परिकल्पना' विषय पर पी-एच.डी.।

कार्यक्षेत्र :१९८५ से १९८८ तक नेशनल गर्ल्स डिग्री कालेज, पातडां (पंजाब) में अंग्रेजी/हिंदी प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। इसके बाद बीमा कम्पनी, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली व कई स्थानों पर भिन्न-भिन्न पदों पर सेवाएँ की। सम्प्रति : 'विकल्प', भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून (भारत) में संपादक के पद पर कार्यरत।

डॉ चमोला हिन्दी में बाल साहित्य के विशेषज्ञ माने जाते हैं। हिन्दी के तमाम पुरस्कारों व सम्मानों से सम्मानित आपकी लगभग ३ हजार रचनाएँ देश की लगभग सभी चर्चित पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्रों से प्रकाशित/प्रसारित हो चुकी हैं। कविता, कहानी, समीक्षा, एकांकी, बाल कहानी, बाल कविता, आलोचना एवं शब्दकोश आदि सभी विधाओं में लेखन। इन सबमें भी बाल साहित्य आपके लेखन की प्रमुख विधा है। आपके साहित्य पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एम. फिल/डी फिल./पी-एच.डी स्तरीय शोधकार्य चल रहा है जबकि पांच लघुशोध संपन्न हो चुके हैं। आप भारत सरकार के हिंदी विषयक परियोजनाओं के पुनरीक्षक, संयोजक, शब्दावली एवं भाषा विशेषज्ञ है। आपकी पांच दर्जन से अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी है।

 

अनुभूति में डॉ. दिनेश चमोला शैलेश
की रचनाएँ—

दोहों में-
माँ
कविताओं में-
अनकहा दर्द
एक पहेली है जीवन
खंडहर हुआ अतीत
गंगा के किनारे
जालिम व्यथा
दूधिया रात
धनिया की चिंता
सात समुन्दर पार
पंखुडी
यादें मेरे गाँव की
ये रास्ते
रहस्य

संकलन में-
पिता की तस्वीर- दिव्य आलोक थे पिता


 

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter