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अनुभूति में क्षिप्रा वर्मा की रचनाएँ

तीन छोटी कविताएँ
तुम कौन
ग़ज़ल न गीत

 

 

तीन छोटी कविताएँ

1.संभलते हैं

संभलते हैं,
फिर चोट खाने के लिए !
उठते हैं,
फिर गिर जाने के लिए !
रोते हैं,
फिर मुसकुराने के लिए !
चुप हैं,
फिर से गीत गाने के लिए
!


2.सज़ा

बुलबुल को दी है, चहकने की सज़ा !
बागों को दी है, महकने की सज़ा !!

बादल को दी है, गरजने की सज़ा !
सावन को दी है, बरसने की सज़ा !

तू तो ख़ुदा है, तुझे सैयाद कैसे कहें !
ग़म तूने दिए हैं, तो फ़रियाद किससे करें !!


3. बेहयाई

चुप रहने लगे,
बेरुख़ी समझ गए !
बात करना चाहा,
बेअदबी कह गए !!
दूर रहने लगे,
बेवफ़ाई समझ गए !
पास आना चाहा,
'बेहयाई' कह गए !!

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