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अनुभूति में विश्वमोहन तिवारी की रचनाएँ —

छंदमुक्त में-
अट्टादहन
आज जब अचानक
आत्मलिप्त
एकलव्य
कंचनजंघा
बंधुआ मज़दूर
बेघर
लहरें

क्षणिकाओं में-
आस्था, पोपला, सुधी पाठक, खौफ, कार्गिल की जीत

संकलन में-
गाँव में अलाव- शरद की दोपहर
प्रेमगीत– जवाकुसुम
गुच्छे भर अमलतास– जेठ का पवन
                –ग्रीष्म की बयार

 

बँधुआ मजदूर

लुभावने बिम्ब और चित्र
हमारे आमंत्रण पर आते हैं
हमारे मेहमान होते हैं
हमारे ही घर में
घर के भेदी की सहायता से
करते हैं आक्रमण
हमारे ही मन पर

छा जाते हैं हर बार
हमारे दिलो दिमाग पर
हमें पता ही नहीं लगता
लगवाकर अँगूठा हमसे
गिरवी रख लेते हैं
हमारा घरबार

पर्दा डालते हैं हम खिड़कियों पर
कहीं धुँधला न कर दे प्रकाश
सतरंगी पर्दों पर नाचते
बिम्बों और चित्रों को

बन जाते हैं खुशी खुशी
बँधुआ मजदूर हम
नाचते
बिम्बों और चित्रों के

२० जनवरी २००२

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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