अनुभूति में
मनीषा मारू की रचनाएँ
छंदमुक्त में-
कहानी
जब से मुस्कुराना
पहली बारिश
प्रार्थना
स्वतंत्रता की बात |
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प्रार्थना
हाथ जोड़ जब करू प्रार्थना
इतनी सी होती मेरे नाथ! आराधना
आराधना की हर घड़ी संग रहना
कम ना होने देना मेरे हौसलों का गहना
गहना की संघर्षों से आए खेलना
धरा से नभ सीखू स्वछंद उड़ान भरना
भरना की उमंगों साथ आए जीना
उत्साहित जीवन जी औरों की बनू प्रेरणा
प्रेरणा की किसी की ना हो अवहेलना
किसी रूदन से हृदय भाव का झर–झर बहना
बहना की किसी को दर्द में गले लगाना
अश्रु धार पोंछ आत्मा के परमात्मा से मिलाना
मिलाना की मुश्किलों में आ जाए जीना
जीवन मूल्य को समझ सीखे खुद से प्रेम करना
करना की कुछ ऐसा मनु जन्म का हों उद्धार
ईश्वर को भी पड़ेगा भटकी रहो में फिर हाथ थामना
१ फरवरी २०२४ |