अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में डॉ. सुरेन्द्र भूटानी की रचनाएँ

नई रचनाएँ-
अर्ज़
इंतज़ार
दिल इक तन्हा मुसाफ़िर
भ्रमग्रस्त जीव
यादों की अँधेरी बंद गुफ़ाएँ
विवशता
सीढ़ियाँ जहाँ ख़त्म होती हैं

नज़्मों में-
अनोखे तूफ़ान
आत्मविरोध
इब्तिदा
एक ज़िन्दगी तीन किरदार
एक हिस्सेदार से
खेल
ग़फलत
गीत
नई दोस्ती
नया संसार
नाकामयाबी
दोस्त से
प्रतिक्रिया
बारह रुबाइयाँ
बेबसी
विरोध
शख्सियत

  यादों की अँधेरी बंद गुफ़ाएँ

यादों की अंधेरी बंद गुफ़ाएँ
अपने माज़ी के हादिसों को
अपने में जज़्ब किए हुए है
तंज के नाखून लंबे हो गए हैं
और ख़ुद पे कभी कभी
दानिस्ताँ इस्तेमाल होते हैं
शब-हाय-फ़िराक़ की सियाहियाँ
दिल की तारीकियों से कम तो नहीं
हाँ कभी जली भी इक नन्ही-सी कंदील
चंद पल के लिए यहाँ भी
अब जिस्म मुसलसल सुलग रहा है
और एतराफ़ भी हो रहा है
ज़िंदगी की बदनसीबियों का भी अपना ग़रूर है
जब कोई रुसवा हो अपनी ग़ैरत से
अब कौन सँभाले बोझिल ख़यालों को
अहसासात अहसानों से दबे हुए
फिर इक सफ़रे-बेसूद की जानिब
चलते तो हैं फ़िसल जाने के लिए
उठते तो हैं निकल जाने के लिए
चंद लम्हों में फिर किसी शुफ़ा की
तारीकी में शरीफ हो जाएँगे
और मैं फिर तन्हा हो जाऊँगा

३१ अगस्त २००९


इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter