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अनुभूति में शतदल की रचनाएँ— 

गीतों में-
कल अचानक
कौड़ी कौड़ी माया
तेरी प्यास अमोल
नैन मिले अनमोल
मौसम के फूल

 

 

  मौसम के फूल

गंध के धनुष खींचे आ गए
मौसम के फूल।

फूल जो लुभाते हैं,
प्राण तक चुराते हैं।

कानों में मंत्र गीत गा गए
मौसम के फूल।

रंग के कथानक हैं,
उत्सव के मानक हैं।

दिशा-दिशा में कैसे छा गए
मौसम के फूल,
गंध के धनुष खींचे आ गए
मौसम के फूल!

१२ अक्तूबर २००९

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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