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अनुभूति में सुधांशु उपाध्याय की रचनाएँ— 

ई रचनाओं में-
आधी रात
जो है होनेवाला
फोटो के बाहर चिड़िया
सपना रखना

गीतों में-
आने वाले कल पर सोचो
औरत खुलती है
कथा कहें
कमीज़ के नीचे
काशी की गलिया
ख्वाबों के नए मेघ
खुसरो नहीं गुज़रती रैन
जीने के भी कई बहाने
दरी बिछाकर बैठे
नींद में जंगल
पोरस पड़ा घायल
बात से आगे

हुसैन के घोड़े

 

फोटो के बाहर चिड़िया

फोटो में है
सबकुछ लेकिन
चिड़िया उसके बाहर है

जंगल झरने पेड़ पहाड़
हँसती फसलें गाते खेत
नावें नदिया चलती लहरें
होंठों पर मटमैली रेत
एक गिलहरी
आगे आगे
और दौड़ता पीछे डर है

जल के सोते रिसता पानी
दौड़ रहे हिरनों के बच्चे
इस कोने में उड़ती तितली
उस कोने किरनों के बच्चे
एक धूप का
नाजुक टुकड़ा
और रात का खंजर है

लोग मवेशी गली बगीचे
पीपल की दुमकटी छाँव है
कच्चे घर में कई औरतें
कई पाँव में एक पाँव है
एक अरगनी
बिलकुल खाली
और हवा का चक्कर है

चिड़िया है फोटो के बार
सोच रही कुछ करने को
और फ्रेम का खाली कोना
सोच रही है भरने को
एक पंख में
नील गगन है
एक पंख में सागर है

२९ नवंबर २०१०

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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