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अनुभूति में योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' की रचनाएँ

नए गीतों में-
इस बच्चे को देखो
कई दिनों से
जीवन में हम
दिल्ली भी अब पहले जैसी
नन्ही चिड़िया

गीतों में-
आज अपने गाँव में
आना जाना छोड़ दिया
इच्छाएँ सारी
उलझी वर्ग पहेली जैसा
कॉलोनी के लोग
छोटा बच्चा पूछ रहा है
धीरे धीरे
पीतलनगरी मुरादाबाद के लिये
पुरखों की यादें
मुश्किल भरे कँटीले पथ पर

रिश्ते बने रहे

संकलन में-
ममतामयी- कैसी है अब माँ

 

कई दिनों से

कई दिनों से सोच रहा हूँ
तुमको पत्र लिखूँ

लिखूँ कुशलता घर की, आँगन की
दीवार लिखूँ
खुशफहमी की फसलें, मन के
खरपतवार लिखूँ
रिश्तों के पैबंद लगे जर्जर से
वस्त्र लिखूँ

कभी सोचता हूँ कटु अनुभव
बाँटूँ जीवन के
या फिर लिखूँ याद आते दिन
गुज़रे बचपन के
आने वाले उजले पल को भी
सर्वत्र लिखूँ

मोबाईल से बातें तो
काफी हो जाती हैं
लेकिन शब्दों की खुशबुएँ
कहाँ मिल पाती हैं
थके-थके से खट्टे-मीठे
बीते सत्र लिखूँ

२४ फरवरी २०१४

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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