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जिंदगी से
मुलाकात
आज ज़िन्दगी की
हकीकत से एक ऐसी मुलाकात हुई !
मायने समझा दिए जीने के जब उसने
ये बात कही !!
वो इन्द्रधनुष या पवन गंगा,
हो पर्वत या रंग फूल का !
नैनों के इस जोड़े से तुमने,
जीवन के हर क्षण को देखा !
क्या सोचे कभी मायने इनके
ना जाना तो पूछो उनसे,
बिन इनके
जिनकी दुनिया में हर लम्हा काली रात रही !
एक आँसू पर जान लुटा दे,
माँ रब का वो रूप है !
घने वृक्ष सी छाया दे,
वो पिता जहाँ भी धूप है !
बिन उनके क्या होती दुनिया
न मिले जिन्हें ये पूछो उनसे,
जिनकी आँखों में
खुशियों को हर पल पूरी करने की चाह रही !
अब क्यूँ हो उदास ये पूछो खुद से ?
क्या नहीं मिला जो माँगा रब से,
आज हिला दी
हर जड़ मेरी जाने केसी सच्चाई कही !
११ जून २०१२
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