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वो धोखा दे गया

अंजुमन में--
अंधेरों में चमकता
कौन समझेगा
खुद से मिलकर
जो उजालों मे
तुम्हें झूठ से बहलाने में
सिर्फ और सिर्फ

हिसाब मत देना
 

 

देख सारे हिसाब

देख सारे हिसाब भीगे हैं
इस तरह से जवाब भीगे हैं

मैंने आँसू से दोस्ती कर ली
मेरी आँखों में ख्वाब भीगे हैं

उनके चेहरे पे मय उड़ेली थी
ये क्या? उनके नकाब भीगे हैं

आँसुओं से नहा के आए हैं
आज हम बेहिसाब भीगे हैं

मिलके दिलबर से आए हैं अद्भुत
खुशबुओं से जनाब भीगे हैं

१ दिसंबर २००८

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