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अनुभूति में अश्वनि शर्मा की रचनाएँ-

अंजुमन में—
दलालों का हुनर
दुनियादारी है
देखिये देखिये
रात बीती
हैं ये मेहमान

 

देखिये देखिये

देखिये देखिये झुनझुना देखिये
एक मकड़ी ने जाला बुना देखिये

खौलता ही नहीं.जम गया है कहीं
आदमी का लहू कुनकुना देखिये

सुर नहीं,लय नहीं,ताल गायब जहाँ
राग वो ही सुना, अनसुना देखिये

कटघरे में तरीका ज़रूरी है अब
आइये आप ने क्या चुना देखिये

इक शहादत निकम्मी है वो ढो रहा
वक़्त ने एक आदम धुना देखिये

ये सवालों की तासीर देगी बता
इस ग़ज़ल को जरा गुनगुना देखिये

२५ नवंबर २०१३

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