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अनुभूति में पूनम शुक्ला की रचनाएँ

अंजुमन में—
आपको इस कदर
चलते चलो
जवाब आते हैं
प्यार का आसमाँ
हर किसी में

 

चलते चलो

चलते चलो रफ्तार में
रुकना नहीं बेकार में

जाने कहाँ हो रोशनी
तेरे लिए दीदार में

रोना नहीं देखो जरा
चलना पड़े अंगार में

खोना नहीं फिर धीर तुम
जाओ कभी मझधार में

थकना नहीं मुड़ना नहीं
बिकना नहीं बाजार में

सोना नहीं पड़ना नहीं
संसार के शृंगार में

थोड़ा सबर औ जल्द ही
ये जिन्दगी महकार में

२६ जनवरी २०१५

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