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अनुभूति में सर्वेश कुमार 'सर्वेश' चन्दौसवी की रचनाएँ-

अगर भूले से
कमरे में सजा के रक्खा है
ग़म के पैहम
ज़ख़्म बदन पर
वो जब कोई भँवर पैदा करेगा

 

 

  वो जब कोई भंवर पैदा करेगा

वो जब कोई भंवर पैदा करेगा।
बचाने का भी घर पैदा करेगा।।

लगाओ तो वफाओं का शजर तुम।
वो शाखों पर समर पैदा करेगा।।

ये सूखे आँसुओं का पूछना है।
दुआ में कब असर पैदा करेगा।।

वो चाहेगा अगर जल्वा दिखाना।
तो आँखों में हुनर पैदा करेगा।।

भटकना भी ज़रूरी है, नहीं तो।
किसे वो रहगुज़र पैदा करेगा।।

वो देखेगा फ़ना होने का मंजर।
हबाबों को अगर पैदा करेगा।।

न जो 'सर्वेश' सूरज से मिटेंगे।
अंधेरे वो बशर पैदा करेगा।।

२२ दिसंबर २००८

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