अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में सूबे सिंह सुजान की रचनाएँ— 

अंजुमन में--
खूबसूरत जिन्दगी
जिधर भी जाऊँ
ये फूल की किस्मत है

 

ये फूल की किस्मत है

ये फूल की किस्मत है, दो दिन में बिखर जाना
लेकिन उसे आता है, हँसते हुये मर जाना

हर रोज अँधेरा है, हर रोज उजाला है,
डरना न कभी मुश्किल राहों से गुजर जाना

बादल को महब्बत से धरती यूँ बुलाती है,
छम-छम से बरसना औ' सीने में उतर जाना

आदत ये सियासतदानों की बड़ी गन्दी है,
चूहों की तरह अपना ही देश कुतर जाना

दीवाने हमेशा सीना ठोंक के कहते हैं,
रोने से तो अच्छा है, हँसते हुये मर जाना

अरदास गरीबों की, सरदी से बचा लो तुम,
ऐ-धूप हमारा आँगन प्यार से भर जाना

१ सितंबर २०१४

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter