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अनुभूति में सुरेन्द्र चतुर्वेदी की रचनाएँ-

अंजुमन में-
अलग दुनिया से हटकर
एक लंबी उड़ान
खुदाया इससे पहले
जिस्म के बाहर
पंछियों का आना-जाना
बदन से हो के गुजरा

 

एक लंबी उड़ान

एक लम्बी उड़ान हूँ जैसे,
या कोई आसमान हूँ जैसे।

हर कोई कब मुझे समझता है,
सूफयों की जुबान हूँ जैसे।

मैं अमीरों के इक मोहल्ले में,
कोई कच्चा मकान हूँ जैसे।

मुझसे रहते हैं दूर-दूर सभी,
उम्र भर की थकान हूँ जैसे।

बारिशें तेज हों तो लगता है,
आग के दरमियान हूँ जैसे।

लोग हँस-हँस के मुझको पढते हैं,
दर्द की दास्तान हूँ जैसे।

बात करता हूँ जान देने की,
इश्क का इम्तिहान हूँ जैसे।

२८ अप्रैल २०१४

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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