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अनुभूति में वीरेन्द्र अकेला की रचनाएँ-

अंजुमन में-
अदावत दिल में
दिन बीता
पहले तेरी जेब
महकते गुलशनों में
सूर्य से भी पार
 


 

 

सूर्य से भी पार

सूर्य से भी पार पाना चाहता है
इक दिया विस्तार पाना चाहता है

देखिए, इक फूल की ज़िद देखिए तो
पत्थरों से प्यार पाना चाहता है

किस क़दर है सुस्त सरकारी मुलाज़िम
रोज़ ही इतवार पाना चाहता है

अम्न की चाहत यहाँ है हर किसी को
हर कोई तलवार पाना चाहता है

फूलबाई कब, कहाँ, कैसे लुटी थी
ये ख़बर अख़बार पाना चाहता है

मैं तेरी ख़ातिर उपस्थित हो गया हूँ
और क्या उपहार पाना चाहता है

जिसका मिल पाना असम्भव है ‘अकेला’
दिल वही हर बार पाना चाहता है

१ मई २०१७

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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