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गुरमीत बेदी

जन्म : 21 सितंबर, 1963
शिक्षा : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातक तथा पत्रकारिता व जनसंचार में स्नातकोत्तर।
: 1983 से 1990 तक जालंधर से प्रकाशित हिंदी दैनिक वीरप्रताप में उप-संपादक के रूप में कार्य किया।
:कार्यक्षेत्र :  1991 में हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जन संपर्क विभाग में लोक संपर्क अधिकारी नियुक्त।
प्रकाशन: कविता संग्रह ''मौसम का तक़ाज़ा'', कहानी संग्रह ''कुहासे में एक चेहरा'', व्यंग्य संग्रह ''इसलिए हम हँसते हैं व शोध की एक पुस्तक ''श्रद्धा व सौंदर्य का संगम-बैजनाथ'' के अलावा तीन उपन्यास नक्षत्रों के घेरे में, सरहद के उस पार व काले चश्मे वाला आदमी शीर्षक से धारावाहिक रूप से प्रकाशित। 'खामोशी पिघलती रही' शीर्षक से कविता संकलन का संपादन। इसके अलावा विभिन्न विषयों पर दस हज़ार से अधिक लेख विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित।
पुरस्कार : कविता संग्रह मौसम का तकाज़ा पर हिमाचल साहित्य अकादमी का पुरस्कार। इसके अलावा पंजाब कला साहित्य अकादमी, राजस्थान पत्रिका उत्कृष्ट सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार-2000, डा. परमार साहित्य पुरस्कार, समता पुरस्कार, हिमाचल केसरी, हिमोत्कर्ष 'हिमाचलश्री' पुरस्कार सहित विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
संप्रति : जिला लोक संपर्क अधिकारी, ऊना -174303  (हि. प्र.)

  अनुभूति में गुरमीत बेदी की कविताएँ—

अपने भीतर
कवि के भीतर
रेत के घरौंदे
सफ़र पर
हो सके तो

 

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