अनुभूति में
नरेन्द्र व्यास की रचनाएँ-
छोटी कविताएँ-
सिर्फ एक विचार,
पाळसिया, आह ठंडी राह, चाँद
छंदमुक्त में-
अक्स को अपने
तुम हो तो
तुम्हारी उदासी
क्षितिज के उस पार
एक क्षणिका |
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एक क्षणिका
तेज़ हवा के साथ
बलखाती रेत से
हवा ने जाने क्या कहा?
वो ऊपर उठ गई,
एक बवंडर बन गया
२१ फरवरी २०११
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