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अनुभूति में प्रवीण चंद्र शर्मा की रचनाएँ

छंदमुक्त में-
झील के ठहरे जल से
थोड़ी देर
न ययौ न तस्थौ
प्रार्थना
शेषयात्रा
स्पंदन
हत्या का रहस्

 

झील के ठहरे जल से

शिशिर की ठिठुरती साँझ के
धुँधलके में
प्रवासी पक्षियों-सा
उजला-
तुम्हारा आगमन
झील के ठहरे जल से
झाँकता है
डूबती, तैरती
स्मृतियों का
डबडबाया कंपन

१६ जनवरी २००७

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