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अनुभूति में प्रियव्रत चौधरी की रचनाएँ-

गीतों में-
चिकुर घनाली की जलधारा
पत्तों के झोंकों का मौसम
मेघागम की अवसन राका
वर्षा की यह रिमझिम फुहार
वर्षा की सीकर निहारिका

संकलन में-
गुलमोहर- गुलमोहर खिला है

पत्तों के झोकों का मौसम

पत्तों के झोकों का मौसम।

मेघराजि की रोमिल छाया
सर में जलकुंभी की माया
सुरधनु की सुंदरता निस्र्पम।

शीशम की वैभव तस्र्माला
बादल से झांकती उजाला
सरिता वीचि लता में सरगम।

गाकर सजनी बारहमासे
पास बुलाती उत्सुकता से
द्रुमराजी में चकित विहंगम।

मौलसिरी को फूलों से भर
ओढ़े रंग बिरंगी चादर
उमड़ घुमड़ आए मेघागम।

२४ अगस्त २००६

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