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अनुभूति में संजय कुमार की रचनाएँ -
टोपी और जूता
तथाकथित
लाचारी
शोर
हाथ

 

  लाचारी

चोर की
सच बात पर
तुम भरोसा नहीं करते
शरीफ की झूठी बातों पर
बङी आसानी से कर लेते हो

तुम्हें क्या पता
कि कब कौन
किस खाल और
किस खोल में है

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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