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अनुभूति में त्रिलोकीनाथ टंडन की रचनाएँ -

छंदमुक्त में-
आत्मा
निजी स्वार्थ
प्रणय गीत
मेरा परिचय
वैरागी मन
 


 

 

मेरा परिचय

ढलती साँझ में
उठता सूर्य हूँ
रात के एकान्त में
जलता दीया हूँ
मैं वो गुमशुदा पंछी हूँ
जिसने अँधेरे में भी
अपना ठिकाना ढूँढ लिया
बड़ा आघात
पहुँचा है तुम्हें
मेरा परिचय पाकर
कुमुद-कली समझ
पाँव तले
कुचल चले थे
और मैं तुम्हें
ऐसे खड़ी मिली!

१३ जुलाई २०१५

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