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अनुभूति में वीना विज 'उदित' की रचनाएँ—

छंदमुक्त में—
अतीत के पृष्ठ
अन्ततः
जीवनदान
तुम्हारा मेरा सच
सन्नाटों के पहरेदार
स्मृतिदंश

 

 

अतीत के पृष्ठ

किस स्याही से लिखे गए हैं
ये अतीत के पृष्ठ . . .?
बहुत भुलाया है
आज के जिन्दा
जीने में उन्हें।
वर्तमान अपनाया है
अपना है ये
संतुष्टि है हर कहीं
लेकिन
एक दस्तक सी आती है
कहीं से
झकझोड़ती है
अस्तित्व को नकारती सी।
रंगबिरंगे ढेर में
कुछ छिपता है
कुछ दिखता है
पर
नहीं खोज पाया मन,
वही,
जिसे मानने को जी चाहता है!
पर मानना नहीं चाहता मन।

१६ मार्च २००४

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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