अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में अनिता कपूर की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
अनचाहे एहसास का दर्द
खिड़की
साठ साल की उम्र वालों
हाशिये पर

हाइकु में-
पंद्रह हाइकु

क्षणिकाओं में-
सात क्षणिकाएँ

 

साठ साल की उम्र वालों

साठ साल की उम्र वालों
बचे सालों को समेटना सीख लो
दिल के ज़ख्म छुपाकर रखना
वरना मरहम की चाह में
नमक ही छिड़का जाएगा

साठ साल की उम्र वालों
मुरझाने की तो बहुत वजह होंगी
जब मौत का राज़ समझ लोगे
तो जीना भी आ ही जाएगा

साठ साल की उम्र वालों
पुराने दिन तो अब नहीं आने वाले
या तो अपने आप में रहना सीख लो
नहीं तो वृद्ध आश्रम पहुँचा दिया जाएगा

साठ साल की उम्र वालों
कुछ किताबें पढ़ो कुछ लिखने से दिल लगा लो
बाकी दोस्तों के साथ समय बिताया जाएगा
अंत समय आप पहले जाओगे या हम
इसका भी हिसाब दोस्तों से लगाया जाएगा

साठ साल की उम्र वालों
हँसी तुमने बिस्तर के सराहने रख छोड़ी है
बस ज़रा बीच बीच में गुदगुदाते रहो उसे

साठ साल की उम्र वालों
इंतज़ार तो दूसरी ओर कर रहा था पत्थर भी
कि कब राम नदी पार करेंगे
आकर उस पर बैठेंगे और जी उठेगी अहिल्या...
तुम मन वीणा के सोए तार बजने दो
मन दर्पण में झाँक के देखो, साठ साल की उम्र वालों
अपने एकाकी मन को तुम ही आ बहलाते हो?
कौन तुम रातों के प्रहरी जुगनु सा जल जाते हो

साठ साल की उम्र वालों
यह मोह माया तो एक छलावा है सिर्फ
ऊपर तो केवल खाली हाथ ही जाया जाएगा

१ जून २०१९

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter