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अनुभूति में रामकृष्ण द्विवेदी 'मधुकर' की रचनाएँ—

अंजुमन में-
उफनाए नद की कश्ती
बढ़ाया प्रेम क्यों इतना

शिक्षा का संधान चाहिये

गीतों में-
बादल गीत

मोर पिया अब मुझसे रीझे

छंदमुक्त में—
किरन
जलकोश
जीवन सूक्त
दृष्टि
देखा है
नारी
प्रभात: दो रंग
पाँच छोटी कविताएँ
बुलबुला
साम्यावस्था
सावन

संकलन में-
हुए क्यों पलाश रंग रंगत विहीन

 

प्रकाश

सूर्य चंद्रमा ग्रह नक्षत्रा और तारे
उद्धत हैं
भरने के लिये
तुम्हारे भीतर प्रकाश
प्रकाश ही प्रकाश
पर
तुमने तो बन्द कर रखे हैं
अपने दिव्य प्रकोष्ठ के काष्ठ द्वार
और खोल रखे हैं
अपने अधोपतन की काली चर्म किवाड़ें
जिन्हें रखना था बन्द
सतत

१६ अक्तूबर २००६


  

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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