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अनुभूति में ऋचा जैन की रचनाएँ —

बाल कविताओं में-
आओ गिने
आओ जी जाओ जी
पक्षी बोले
बंदर
सूरज चाँद तारे और जुगनू

 

पक्षी बोले

मुर्गा बोला, ‘कूकड़ूँ कूँ’
उठ जाओ, अब सोते क्यूँ!

चिड़िया बोली, ‘चूँ, चूँ, चूँ’
खाना खाओ, रोते क्यूँ!

कबूतर बोला, ‘गुटर गूँ’
मिलकर खेलो, झगड़ा क्यूँ!

कौवा बोला, ‘काँव-काँव’
आ जाओ सब मेरे गाँव!

तोता बोला, ‘टें,टें’
आओ करें बातें!

१ जून २०२२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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