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अनुभूति में श्री नारायण शुक्ल की रचनाएँ

गीतों में-
देवता हो जाओगे
हमारा सिंगापुर

अंजुमन में-
फायदा

छंदमुक्त में-
सन्यास से पहले की सोच
दिल और दिमाग की लड़ाई

 

दिल और दिमाग की लड़ाई


आज फिर सुबह की शुरुआत
हो जाओ तैयार
ग्राहकों की चिल्लाहट
अधीनस्थों की सुगबुगाहट
ढेरों ईमेल, कर रहे इंतज़ार
जवाब का
रुपया कमाने का दबाव
देता है तनाव
पैसे और सुकून में
कैसे हो चुनाव
खेल है सारा, दिमाग का
सिर्फ दिमाग का
लेकिन दिल है कि
जोर देता है
खेलो
दिमाग का खेल
मगर दिल से
केवल दिमाग से खेलोगे तो
जीतोगे तो सही
लेकिन मजा बिलकुल नहीं आयेगा
क्योंकि मजा दिल से आता है
दिमाग से नहीं
दिमाग से तो बस
आती है अशांति
असंतोष
संताप
तो फिर
भाई मेरे,
दिमाग का खेल
दिल से खेलो

१ अप्रैल २०२३

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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