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अनुभूति में श्री नारायण शुक्ल की रचनाएँ

गीतों में-
देवता हो जाओगे
हमारा सिंगापुर

अंजुमन में-
फायदा

छंदमुक्त में-
सन्यास से पहले की सोच
दिल और दिमाग की लड़ाई

 

हमारा सिंगापुर

सुंदर सा छोटा सा प्यारा शहर है
ना गोली ना गाली, निराला शहर है
सभी को दे मौका, ना धक्का ना मुक्का
सभी हैं सुरक्षित, यहाँ सबको घर है
बहुत खूबसूरत हमारा शहर है

ना खेती ना बाड़ी ना पीने का पानी
सिरफ आदमी हैं, समर्पित मगर हैं
नियम से हैं चलते नियम पर सफर है
ना गुंडे मवाली ना रहजन इधर हैं
बहुत साफ सुथरा हमारा शहर है

ना गलियाँ ना कूचे ना हैं अंधे कोने
ना बिजली है जाती ना बुझते हैं चूल्हे
नहीं हैं भिखारी ना हैं भटके भूले
हरा है भरा है और लटके हैं झूले
ये कुदरत का प्यारा नवाजा शहर है

ना हिंसा ना दंगा, व्यवस्था सबल है
ना चोरी ना डाका, ना होता है फाका
सभी को है रोजी, सभी को है रोटी
बिना काम करके नहीं तो गुजर है
हमें हो मुबारक, हमारा शहर है


१ अप्रैल २०२३

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