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अनुभूति में गणेश गंभीर की रचनाएँ

नयी रचनाओं में-
अजब आदमी
धर्म पुराना
पेड़ पीपल का
समय इन दिनों

अंजुमन में-
चाँदनी में लेटना
ठंडी ठंडी फुहार
जीवन एक अँधेरा कमरा
ये पौधे पेड़ बनेंगे
लगाकर आग जंगल में

गीतों में-
इच्छा
नदी

 

अजब आदमी

अजब आदमी
गज़ब कलेजा
सबसे ऊपर है।

सीना बत्तीस
कमर धनुष है
चेहरा पीला चुचका
लोग उसे कहते हैं साथी
हर अपमानित सच का

बना युधिष्ठिर
यक्ष प्रश्न का
देता उत्तर है।

असफलताओं से
अभाव से
गाढ़ी छनती है
इसीलिए उसके विरोध में
सारी बस्ती है

उसकी दुनिया
इस दुनिया से
थोड़ा हटकर है।

३ अगस्त २०१५

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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