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अनुभूति-में-डॉ.-मुकेश-श्रीवास्तव-अनुरागी की रचनाएँ-

गीतों में-
आ गई धूप
कौन सुनेगा

नहीं मरेगा गीत
प्रश्नपत्र जीवन के
मन की मौज में

 

प्रश्नपत्र जीवन के

प्रश्न-पत्र जीवन के
कैसे हल होंगे अब
प्रथम प्रश्न ही समय ने
अनिवार्य कर दिया

वंश को बढ़ाने का प्रश्न गौण हुआ आज
शिक्षा के खर्च का ही प्रश्न प्रमुख हो गया
सिर पर हो छत अपने, प्रश्न बना अपना घर
भूख के मिटाने पर, टिप्पणी न लिख सका

और वस्तुनिष्ठ प्रश्न में नहीं
सही विकल्प
जानते न जानते
उत्तर बस भर दिया

एकाकी बन सोचा था कि जोड़ पाऊँगा मैं
बाकी न बचा कुछ सब सिफर हो गया
अर्थ के ही गुणा भाग में लगा रहा यार
हाथ में लकीरों के सिवा कुछ न रह गया
उत्तर पुस्तिका भी
रही मेरी खाली खाली ही
प्रश्नों को पढ़ पढ़कर
कातर मन कर दिया

१७ दिसंबर २०१२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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