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अनुभूति में डॉ. सुरेश की रचनाएँ

गीतों में-
कंधे कुली बोझ शहजादे
मन तो भीगे कपड़े सा
मैं घाट सा चुपचाप
समय से कटकर कहाँ जाएँ
सोने के दिन चाँदी के दिन
हम तो ठहरे यार बनजारे

 

कन्धे कुली बोझ शहजादे

कन्धे कुली बोझ शहजादे
कोइ फर्क नहीं
राजे कभी, कभी महराजे
कोइ फर्क नहीं

टुकड़े-टुकड़े रिश्ते नाते
धज्जी-धज्जी प्यार
हुई जिन्दगी बनिए के
खाते की रकम उधार
मौत भेजती रोज तगादे
कोइ फर्क नहीं

अखबारों की रँगी सुर्खियाँ
बड़बोलों की बात
सूरज सोया गोदामों में
ठहरी काली रात
झूठी कसमें, झूठे वादे
कोइ फर्क नहीं

वे बूढ़ी आँखों के सपने
हुए मोतियाबिन्द
मन्दिर की निगरानी करते
मुँह महकाए रिन्द
बेहोशी में डूबे दादे
कोइ फर्क नहीं

पीछे चलकर आगे पहुंचे
जाने कितने लोग
हमें हजूरी रास न आई
लगा कलम का रोग
बदनामी के चढ़े लबादे
कोइ फर्क नहीं


१६ जुलाई २०१२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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