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  हेमन्त- हाइकु में


राजा तुषार
उजाड़े घर-बार
पेड़-पौधों के



बर्फ़ का ताज
पहने ,निंदियारी
वनस्पतियाँ



बर्फ़ -तकिया
कोहरे की चादर
सोई है घाटी



‘सोती सुन्दरी’
हिम-चादर ताने
अलकनन्दा



श्वेत कफ़न
ओढ़ाके धरती को
हँसे हेमन्त



धुँआ छोड़ता
सुरमई सूट धारे
हेमन्त आया



बड़े शैतान
हेमन्त के दो बच्चे -
कोहरा, धुंध


खूब सताता
धरती को तुषार
खुद भी रोता



माघ बेचारा
कोहरे की गठरी
उठाए फिरे


१०
गठरी फटी
बिखरे हैं बताशे
आसमान से

१७ जनवरी २०११

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