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दरजी : कुछ हँसिकाएँ

दरज़ी
दरज़ी प्रेमी हो
तो कृपया ध्यान दें
फटी फटी आँखों से उसे न देखें


परदेसी
खिड़की दरवाज़ों के परदे
जब फट जाएँ
परदेसी परदे-सी तब हाँक लगाएँ


कल्पना
कल्पना के क्षेत्र में भी
दरज़ी अभागा
पौ फटती देखी सीने को भागा


गुण
यों भी आप पाएँगे
दरज़ी की पीढ़ियों में भी
जेबें काटने के गुण आएँगे


सीना

सीना फटता है
गीत सुन बिगड़ते हैं
कहते हैं ऐ़से कच्चे धागे आ़खिर लोग
- प्रयोग क्यों करते हैं

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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