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पता करे कोई
फुर्सत ही फुर्सत है
मत पूछो
यारी रखना
सहूर की बातें

अंजुमन में-
आज मेरी बात का उत्तर
दर बदर
फलक पे दूर
संगवारी को

मुक्तक में-
अपनी पलकें नहीं भिगोते

 

मत पूछो

रौशनी पर सवाल मत पूछो
तीरगी का कमाल मत पूछो

कुल मुकम्मल चमन सही दिखता
तिनके तिनके का हाल मत पूछो

आँधियों को पनाह देते हैं
इन चिरागों का हाल मत पूछो

क्यों लगी देर थे कहाँ अब तक
उल्टे सीधे सवाल मत पूछो

अब सुखाओ रुमाल से आँसू
मैंने रोका था हाल मत पूछो

९ फरवरी २०१५

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